तेजस्वी ने बिहार में फोड़ दिया डीके टैक्स वाला सियासी बम, नीतीश आ गए चपेट में, मुक़ाबले के लिए जेडीयू की पूरी फ़ौज उतर गई तेजस्वी ने डीके तो बता दिया पर डी का मतलब नहीं समझाया, डी नाम के अधिकारी हो गए सतर्क, लालू तो यही तो चाहते थे.
पलटा-पलटी, खेला और डीके टैक्स, खरमास पर छा गए तेजस्वी, लालू ने आख़िर मीडिया में बने रहना सिखा ही दिया
14 जनवरी की तारीख़ बिहार की राजनीति में आरजेडी के लिए कभी शुभ हो जाती है कभी अशुभ… जब लालू के घर पर दही-चूड़ा खाने वालों का तांता लग जाए तो समझिए सियासी खेला हो चुका है और केवल औपचारिकता बाक़ी है… लेकिन इस बार खेला की सुगबुगाहट तो है लेकिन किसी भी नेता के घर पर दही-चूड़ा का इतना इंतज़ाम नहीं किया गया है कि आप कोई सटीक अंदाज़ा लगा पाए… मतलब न तो लालू को पूरा विश्वास है कि खेला होगा और न ही मोदी निश्चिंत हैं कि नीतीश बीजेपी के साथ ही रहेंगे.. इसलिए इस मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी के दिन महफ़िल लालू, नीतीश और मोदी नहीं बल्कि तेजस्वी लूट ले गए… तेजस्वी ने नीतीश पर ऐसा सियासी बम फोड़ दिया है कि नीतीश को उसका मुक़ाबला करने के लिए पूरी पलटन उतारनी पड़ गई है… फिर भी तेजस्वी ही भारी पड़ते दिखाई पड़ रहे हैं…
तेजस्वी के उस सियासी धमाके की बात करें उससे पहले ये बता दें कि नीतीश और मोदी के साथ रहने के बावजदू भी तेजस्वी के डीके टैक्स वाले आरोप का मुक़ाबला नीतीश एंड टीम अकेले ही कर रही है बीजेपी का कोई भी नेता इसपर कुछ बोलना नहीं चाहता इसलिए इस मुद्दे पर बीजेपी नेताओं की चुप्पी भी बहुत कुछ इशारा करती है… दरअसल तेजस्वी यादव ने रिटायर्ड अधिकारियों पर नीतीश की सरकार चलाने का आरोप लगाया है…
तेजस्वी ने बिना किसी का नाम लेते हुए कहा कि बिहार में तो ‘डीके टैक्स’ सिस्टम चल रहा है. राज्य में डीके टैक्स वसूली हो रही है. रिटायर्ड अधिकारी ही सब कुछ चला रहे हैं. यहां सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. बिहार में दुर्भाग्यपूर्ण चीजें हो रही हैं. 2018 के बाद बिहार में सबसे बड़ा पद डीजीपी या फिर मुख्य सचिव का पद महज दिखावटी रह गया है बल्कि वह सजावट के लायक भी नहीं रह गया है. हालांकि, तेजस्वी यादव ने डीके टैक्स का नाम जरूर लिया, लेकिन उस पूर्व अधिकारी का नाम नहीं बताया. आपको बता दें कि विपक्ष के नेता इससे पहले आरसीपी टैक्स की बात करते थे. आरसीपी सिंह भी पूर्व आईएएस अधिकारी रहे हैं और नीतीश कुमार के साथ उनकी करीबी किसी से छिपी नहीं थी. यह पहला मौका नहीं है जब तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार सरकार पर इस तरह का हमला बोला है. इससे पहले भी तेजस्वी अधिकारियों द्वारा सरकार चलाने का आरोप लगा चुके हैं. एक समय में शिक्षा विभाग में भर्ती में धांधली का आरोप लगाते हुए भी तेजस्वी यादव अधिकारियों द्वारा सरकार चलाने की बात कर चुके हैं. अब बीपीएससी के छात्र आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में तेजस्वी सरकार को घेरने में एक कदम भी पीछे नहीं हट रहे हैं. तेजस्वी के इस आरोप के बाद बिहार के कई पूर्व अधिकारी शक के घेरे में आ गए हैं लेकिन तेजस्वी ने किसी का नाम लिया है इसलिए ये कह पाना मुश्किल है कि आख़िर तेजस्वी किसकी ओर इशारा कर रहे हैं लेकिन बिहार के सियासी गलियारे में ये चर्चा है कि तेजस्वी यादव का इशारा बिहार के आईएएस अधिकारी दीपक कुमार की तरफ है. दीपक कुमार कई विभागों को संभाल चुके हैं. राजनीतिक गलियारों में इस बात की भी खूब चर्चा है कि दीपक कुमार नीतीश कुमार का पसंदीदा बने हुए हैं. कहीं भी जाते हैं तो दीपक कुमार साथ नजर आते हैं.