प्रयागराज में 12 साल बाद आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने ऐसी तैयारियां की हैं जो अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ने वाली हैं। इस महाकुंभ को न केवल आस्था का महापर्व बनाया जा रहा है, बल्कि इसे सुरक्षा और भव्यता के लिहाज से भी अभूतपूर्व बनाने की योजना है। संगम की पावन धरती पर सनातन संस्कृति के इस सबसे बड़े आयोजन के लिए 40 से 50 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के ऐसे इंतजाम किए हैं कि परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा।
सुरक्षा के अभेद इंतजाम
महाकुंभ में आतंकी हमलों की धमकियों को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को अभेद किले में तब्दील कर दिया गया है। एटीएस, एनआईए, एसटीएफ, एलआईयू, बम डिस्पोजल स्क्वायड और जल पुलिस के जवानों की तैनाती के साथ साधुओं के वेश में सीक्रेट पुलिसकर्मी भी मेले के हर हिस्से में नजर रखेंगे। इस बार 40% अधिक सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
डीजीपी प्रशांत कुमार के अनुसार, महाकुंभ में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति पर जल, थल और नभ से नजर रखी जाएगी। AI-आधारित 2700 CCTV कैमरों के जरिए भीड़भाड़, संदिग्ध गतिविधियां, और किसी अप्रिय घटना पर तुरंत अलर्ट जारी होगा।
खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकी साधुओं और गेरुआ वस्त्रधारी पुजारियों का वेश धारण कर मेले में प्रवेश कर सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए हर एंट्री प्वाइंट पर कड़ी जांच की जा रही है। मेला क्षेत्र में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति का नाम, पता, मोबाइल नंबर और पहचान पत्र दर्ज किया जा रहा है। संदिग्ध गाड़ियों और व्यक्तियों की तस्वीरों का मिलान पुलिस के डेटाबेस से किया जा रहा है।
इस बार कुंभ क्षेत्र में सात लेयर की सुरक्षा प्रणाली लागू की गई है।

1. पहली लेयर: एंट्री पॉइंट पर कड़ी जांच।
2. दूसरी लेयर: गाड़ियों और लोगों के नाम, पहचान पत्र, और मोबाइल नंबर की रजिस्ट्रेशन।
3. तीसरी लेयर: ड्रोन और एंटी-ड्रोन सिस्टम से हवाई निगरानी।
4. चौथी लेयर: जल पुलिस और अंडरवाटर ड्रोन से संगम और आसपास की नदियों की निगरानी।
5. पांचवीं लेयर: साइबर क्राइम से बचाव के लिए साइबर थाना और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग।
6. छठी लेयर: साधुओं और पुजारियों के वेश में तैनात सीक्रेट पुलिसकर्मी।
7. सातवीं लेयर: विशेष कमांडोज की तैनाती और मॉक ड्रिल।
आस्था और सुरक्षा का संगम
महाकुंभ को लेकर खालिस्तानी आतंकी पन्नू और अन्य संदिग्ध समूहों की धमकियों ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। खुफिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि आतंकी साधुओं और अघोरियों के वेश में मेले में प्रवेश कर सकते हैं। इन्हीं इनपुट्स को ध्यान में रखते हुए साधुओं के वेश में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। साइबर थाने और IIT कानपुर की विशेषज्ञ टीमों को भी इस बार सुरक्षा में शामिल किया गया है। इन टीमों ने 6,000 से अधिक सोशल मीडिया प्रोफाइल्स को स्कैन कर संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी है।
महाकुंभ 2025 में 40 से 50 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। संगम पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता है। जल पुलिस ने संगम और आसपास के इलाकों में अपनी तैयारियों को मजबूत किया है। डीजीपी प्रशांत कुमार के अनुसार, एटीएस की महिला कमांडोज ने भी मेला क्षेत्र में अपनी तैनाती शुरू कर दी है। यहां आतंकी गतिविधियों की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए लगातार मॉक ड्रिल की जा रही हैं।
दुनिया की निगाहें महाकुंभ पर
इस बार का महाकुंभ इतना भव्य और सुरक्षित होगा कि दुनिया भर की निगाहें इसकी ओर होंगी। 12 साल बाद होने जा रहा यह आयोजन न केवल आस्था का पर्व है बल्कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक क्षमता का परिचय भी देगा।
महाकुंभ 2025 की तैयारियों में विभिन्न विभागों और एजेंसियों का तालमेल स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। आपदा प्रबंधन, फायर सेफ्टी, और ट्रैफिक मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे यूपी पुलिस के लिए एक अवसर बताया है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल प्रशासनिक कौशल का प्रदर्शन है बल्कि सनातन धर्म की आस्था और संस्कृति का विश्व को परिचय कराने का भी जरिया है।