बॉलीवुड की दुनिया में कुछ सितारे होते हैं, और होते जा कुछ आइकन, जिनके नाम समय के साथ साथ लोगों की ज़बान से ग़ायब हो जाते हैं। इनमें से दो नाम ऐसे हैं जो अन्य सभी सितारों से कहीं अधिक बड़े हैं—सलमान खान और शाहरुख खान, जिन्हें “दो पठान” के नाम से जाना जाता है। इन दोनों का प्रभाव सिर्फ बॉक्स ऑफिस तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके व्यक्तिगत और पेशेवर संघर्षों में जो ताकत और धैर्य है, वह भी बहुत प्रेरणादायक है। दोस्ती, परिवार और दुश्मनी के मामले में ये दोनों ने यह साबित किया है कि असली पठान का मतलब क्या होता है। यह कहावत, “पठान जब दोस्ती करता है तो जान भी दे देता है, और दुश्मनी करता है तो जान भी ले लेता है,” इन दोनों की शख्सियत का बखूबी वर्णन करती है।
हालांकि, इन दोनों पठानों ने यह साबित कर दिया है कि उन्हें अपनी शक्ति साबित करने के लिए किसी भी तरह की हिंसा की जरूरत नहीं है। उनकी चुप्पी और ताकत ही उनके जवाब हैं।
शाहरुख खान: चुप्पी में ताकत
शाहरुख़ खान के जीवन में 2021 में एक ऐसा मोड़ आया, जिसे शायद वह कभी नहीं भूल पाएंगे। उनके बेटे आर्यन खान का नाम ड्रग्स मामले में सामने आया, जिसके बाद मीडिया में इस मामले को लेकर हलचल मच गई। शाहरुख़ खान के फैंस और मीडिया ने यह कयास लगाए कि वह अपनी स्टार पावर का इस्तेमाल कर अपने बेटे को बचा लेंगे। लेकिन शाहरुख़ खान ने किसी भी तरह का सार्वजनिक बयान नहीं दिया।
जब शाहरुख़ को अपने बेटे की मुसीबत के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने चुप्पी साधे रखी। इसके बजाय, वह अपने बेटे के लिए न्याय की लड़ाई चुपचाप लड़े। कोर्ट में आर्यन खान को बरी किए जाने के बाद शाहरुख़ ने “जवान” फिल्म में एक डायलॉग दिया, “बेटे को हाथ लगाने से पहले बाप से बात कर।” यह डायलॉग न सिर्फ फिल्मी संदर्भ में था, बल्कि लोगों ने इसे शाहरुख़ खान के असल जीवन की घटना से जोड़कर देखा। इस तरह शाहरुख़ ने बिना शब्दों के ही यह संदेश दिया कि वह अपने परिवार के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
सलमान खान का भी चुप्पी में असरदार जवाब
वहीं दूसरी ओर, सलमान खान की जिंदगी में भी कई ऐसे पल आए जब उन्होंने अपनी चुप्पी से यह साबित किया कि पठान और सुलतान दोनों ही दुश्मनों को शांति से जवाब दे सकते हैं। सलमान के सबसे करीबी दोस्त बाबा सिद्दीकी की हत्या ने उन्हें अंदर तक हिला कर रख दिया था। इस घटना के बाद सलमान बेहद गहरे सदमे में थे, और इस दौरान उनका नाम एक बड़े गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से जुड़ा। बिश्नोई ने सलमान को जान से मारने की धमकियां दीं, लेकिन सलमान ने इस पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी।
सलमान खान ने न तो मीडिया में कोई बयान दिया, न ही अपनी स्थिति को स्पष्ट किया। उनकी यह चुप्पी ही उनके भीतर की ताकत को दर्शाती है। हाल ही में आए “सिकंदर” फिल्म का टीज़र में, सलमान का एक डायलॉग लोगों को सुनने को मिला, “सुना है बहुत लोग मेरे पीछे पड़े हैं, बस मेरे मुड़ने की देरी है।” इस डायलॉग को लोगों ने सीधे तौर पर लॉरेंस बिश्नोई से जोड़कर देखा और इससे सलमान खान की ताकत का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
पठान और सुलतान: मिलकर मचा रहे हैं तूफ़ान
यह दोनों घटनाएँ शाहरुख़ और सलमान की व्यक्तिगत जीवन और उनके फिल्मों में दिखाई गई कड़ी चेतावनियों से यह साफ़ तौर पर सिद्ध करती हैं कि जब भी ये दोनों सितारे अपनी ताकत का अहसास कराते हैं, तो वह बिना किसी शोर-शराबे के होता है। शाहरुख़ ने जहां अपनी फिल्म “जवान” में बाप-बेटे के रिश्ते को दिखाया, वहीं सलमान ने “सिकंदर” फिल्म के जरिए अपनी चुप्पी में ही दुश्मनों को खुली चेतावनी दी।
चाहे सलमान हो या शाहरुख़, इन दोनों ने यह साबित किया कि अगर कोई उनके परिवार या सम्मान के खिलाफ कुछ भी गलत करता है, तो इनका जवाब ऐसा होता है जो दुश्मनों को पूरी तरह से चुप करा देता है। इनकी चुप्पी ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है, और यह यह भी दर्शाता है कि असली पठान वही होता है जो अपने रास्ते पर चलते हुए बिना शब्दों के अपनी दुश्मनी का हल निकालता है।
आज के समय में, शाहरुख़ खान और सलमान खान ने यह साबित कर दिया है कि चुप्पी भी ताकत का एक रूप हो सकती है। उनके जीवन के इन कड़े मोड़ों ने यह सिद्ध किया है कि दोनों पठान अपने परिवार और सम्मान की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। चाहे वे मीडिया से दूर रहें या फिल्म के माध्यम से अपने संदेश दें, इन दोनों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पठान और सुलतान की दुश्मनी के बाद कोई भी नहीं बचता।