आगामी तिमाही में आर्थिक सुधार के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने की ज़रूरत
भारत की वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.7% रही, जो पिछले 15 महीनों में सबसे कम है। यह गिरावट आर्थिक गतिविधियों में मंदी का संकेत देती है। सेवा और कृषि क्षेत्र में धीमी वृद्धि, और घरेलू मांग में कमी के चलते जीडीपी में कमी देखी गई है।
इसके अलावा, वैश्विक आर्थिक स्थिति में अनिश्चितता और उच्च ब्याज दरें भी जीडीपी ग्रोथ पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही हैं। सरकार ने आर्थिक सुधार के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन उनका असर अभी तक अनुकूल नही दिखाई नहीं दे रहा है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में सकारात्मक संकेत भी देखे गए हैं। मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात की बात करे तो इस सेक्टर में सुधार देखने को मिला है, जो आने वाले समय में जीडीपी ग्रोथ को बढ़ावा दे सकते हैं। गिरती जीडीपी को देखते हुए सरकार को आगे की तिमाही में आर्थिक सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाने की ज़रूरतें है, ताकि जीडीपी ग्रोथ को फिर से पटरी पर लाया जा सके।
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